बुधवार, 28 अप्रैल 2010

पीठ खुजाने की कला

बी बी सी हिंदी से साभार - विनोद वर्मा का ब्लॉग

विनोद वर्मा विनोद वर्मा | मंगलवार, 27 अप्रैल 2010, 14:54 IST

इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता. हिमालय पर चढ़ने को उसने बच्चों को खेल बना लिया है और अब चाँद पर बस्तियाँ बसाने की योजना चल रही है.

उसने सुपर कंप्यूटर बना लिए और ईमेल के ज़रिए दुनिया को गाँव जैसा छोटा बना दिया.

उसने मोबाइल को इतना सुलभ बना दिया कि उनकी संख्या शौचालयों से ज़्यादा हो गई और फ़ोन टैपिंग को इतना आसान कर दिया कि सरकार को कानों कान ख़बर हुए बिना फ़ोन टैप हुए जा रहे हैं.

लेकिन वह अपनी पीठ अब भी ख़ुद नहीं खुजा सकता. इसके लिए दूसरों की ज़रुरत होती है.

निजी तौर पर लोग ऐसा करते होंगे तो दिखता नहीं लेकिन दफ़्तरों में, सरकारों में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा होता है तो साफ़ दिखता है.

इससे पीठ वाले और पीठ खुजाने वाले दोनों को फ़ायदा होता है क्योंकि दोनों की भूमिका बदलती रहती है.

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि 1984 के दंगों के लिए सिर्फ़ सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कांग्रेस की पीठ खुजाई. अब वे उम्मीद करेंगे कि बदले में कांग्रेस किसी समय कहे कि गोधरा के बाद के दंगों के लिए सिर्फ़ मोदी सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

इससे थोड़े दिन पहले संसद में एक अद्बुत नज़ारा देखने को मिला था जब भाजपा के लोग खड़े होकर यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदंबरम की तारीफ़ कर रहे थे.

नक्सलियों ने सीआरपीएफ़ के 76 जवानों को मार दिया था और भाजपा के लोग गृहमंत्री की तारीफ़ कर रहे थे. कई लोगों को समझ में नहीं आया. लेकिन जो जानते थे वे समझ गए कि पीठ खुजाई जा रही है.

इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा की पीठ खुजाई. वह कम ही लोगों को दिखाई दी. लेकिन भाजपा के लोगों को महसूस हुआ. सुकून भी मिला. बदले में कांग्रेस ने एक बार भी नहीं कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं.

आईपीएल का पूरा विवाद ही पीठ खुजाने का था. मंत्री ने कहा कि मेरी दोस्त को एक टीम दे दो. आईपीएल के कमिश्नर ने ऐसा कर दिया. मंत्री ने पीठ आगे की तो आईपीएल कमिश्नर ने खुजा दी. फिर आईपीएल कमिश्नर ने कहा कि फलाँ कन्या को भारत मत आने देना. मंत्री समझ नहीं पाए. आने दिया. पीठ सामने थी लेकिन खुजाने से इनकार कर दिया. तो लो अब भुगतो.

ललित मोदी ने तीन साल तक अपने फ़्रैंजाइज़ियों की पीठ खूब खुजाई. वे टीम की मिल्कियत में गोलमाल करते रहे. इधर-उधर से पैसा कबाड़ते रहे. खेल के पीछे कई खेल करते रहे. लेकिन मोदी साहब चुप रहे. वे पीठ खुजा रहे थे. इसलिए जब मोदी मुसीबत में पड़े तो सारे मालिक अपने नाखून सजाकर सामने आ गए. टेलीविज़न कैमरों के सामने मोदी की पीठ खुजाने लगे.

यूपीए सरकार संकट में दिख रही थी. लग रहा था कि अब पीठ दिखाकर भागना होगा. लेकिन मायावती ने पीठ खुजाकर कहा, चिंता मत करो. उसने कटौती प्रस्ताव पर सरकार को समर्थन की घोषणा कर दी.

अब सरकार की चिंता है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में, ताज कॉरिडोर के मामले में वह मायावती की पीठ कैसे खुजाएगी. हो सकता है कि मायावती कहें कि मेरी पीठ खुजाने का अच्छा तरीक़ा यह है कि राहुल गाँधी को उत्तर प्रदेश भेजना बंद करो.

अनगिनत क़िस्से हैं पीठ खुजाने के.

दफ़्तर में कोई तारीफ़ करे तो मन में हो रही गुदगुदी को संभालिएगा. हो सकता है कि वह आपकी पीठ खुजा रहा हो और जब मौक़ा आएगा अपनी पीठ आपके सामने कर देगा.

पीठ खुजाना बुरी बात नहीं है. यह एक कला है. इसमें पारस्परिक तरक़्की और लाभ का राज़ छिपा है.

बेहतर है आप भी इस कला में पारंगत हो जाइए.

शनिवार, 24 अप्रैल 2010

ये बुद्धीजीवी, राजनेता, नामचीन खिलाड़ी और मीडिया आईपीएल पर अब क्यों आंसू बहा रहे है. उस समय ये आंखों पर पट्टी बांध कर क्यों बैठे हुए थे जब टीवी पर खुलेआम खिलाड़ियों की बोलियाँ लगाई जा रही थीं. उस समय नहीं दिखाई दे रहा था कि यह खेल नहीं बल्कि पैसे बनाने का खेल शुरू हो रहा है. पर लगता यह है कि सत्ता की केंद्र संसद ही इंडियन पार्लियामेंट लिमिटेड कंपनी बनकर विदेशियों की तरह राज करते हुए अपनी हुकूमत चला रही है. महँगाई कम नहीं कर रही है, टैक्स पर टैक्स लगा रही है. वह देश के विकास की बात को लेकर, सरकारी कर्मचारियों को छठवाँ वेतन आयोग के सिफारिशों के समान वेतन देकर और ग़रीबों को मनरेगा के जरिए पैसा देकर, इस तरह लोग सरकार पर आश्रित हो रहे हैं. सरकार इस खेल में मगन है. इसका फ़ायदा उठाकर पैसे वाले, अभिनेता और नेताओं ने मिलकर इंडियन पैसा बनाओ लिमिटेड (आईपीएल) का गठन किया. इसी लालच में थरूर को जाना पड़ा लेकिन और लोग भी जाते दिख रहे हैं. ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सरकार मीडिया और आयकर विभाग पहले क्यों नहीं चेता. इसमें सबसे ज्यादा मूर्ख तो आम जनता बनी जो क्रिकेट को धर्म के रूप में देख रही है. उसकी इस कमजोरी का फ़ायदा आईपीएल ने उठाया. थरूर के बाद अब मोदी की बारी और फिर सरकार की बारी. पर लगता है कि मीडिया की बारी कभी नहीं आने वाली है. आईपीएल कांड से हर्षद मेहता की याद ताजा हो रही है. लेकिन अफ़सोस है कि कुछ समय बाद ये बातें हवा हो जाएंगी.

हिम्मत सिंह भाटी
-बी बी सी हिंदी से साभार

टिप्पणियाँ:

6 टिप्पणियाँ:

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

Nice Post...

माणिक ने कहा…

आपके ब्लॉग पर आकर कुछ तसल्ली हुई.ठीक लिखते हो. सफ़र जारी रखें.पूरी तबीयत के साथ लिखते रहें.टिप्पणियों का इन्तजार नहीं करें.वे आयेगी तो अच्छा है.नहीं भी आये तो क्या.हमारा लिखा कभी तो रंग लाएगा. वैसे भी साहित्य अपने मन की खुशी के लिए भी होता रहा है.
चलता हु.फिर आउंगा.और ब्लोगों का भी सफ़र करके अपनी राय देते रहेंगे तो लोग आपको भी पढ़ते रहेंगे.

सादर,

माणिक
आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से अनौपचारिक जुड़ाव
http://apnimaati.blogspot.com



अपने ब्लॉग / वेबसाइट का मुफ्त में पंजीकरण हेतु यहाँ सफ़र करिएगा.
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saurabh ने कहा…

apne aap se jujhta adami kabhi-kabhi vaykti kitna galat nirnay le leta hai......aur aajivan pachhtata hai...
samajik soch ki baat ham khoob karte hain lekin samaj hami se milke banta hai..........
bahut achha laga.....
isi tarah se vyavharik samsyaon pe likhe aur unka samadhan dene ki bhi koshis karennn/..
shubkamnayen.

अजय कुमार ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

जयराम “विप्लव” { jayram"viplav" } ने कहा…

कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,

धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,

कलम के पुजारी अगर सो गये तो

ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।

हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ , साथ हीं जनोक्ति द्वारा संचालित एग्रीगेटर " ब्लॉग समाचार " http://janokti.feedcluster.com/ से भी अपने ब्लॉग को अवश्य जोड़ें .

संगीता पुरी ने कहा…

इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

बैठक की अप्रैल ११,२०१० की बैठकी जगदीश यादव के आवास पर हुयी |

सोमवार, 12 अप्रैल 2010

एक मुकम्मल हम्माम है

हाइवे पर हम्माम

विनोद वर्मा विनोद वर्मा | मंगलवार, 06 अप्रैल 2010, 15:06 IST

शेरशाह सूरी ने जब ग्रैंड ट्रंक रोड बनवाई तो उन्होंने सड़कों के किनारे पेड़ लगवाए, सरायें बनवाईं और कुँए खुदवाए. लेकिन उन्होंने सड़क के किनारे हम्माम नहीं बनवाए.

शायद इसकी दो वजहें रही होंगीं. एक तो वह योद्धा थे और उन्होंने जो कुछ भी किया वह अपनी सेना को ध्यान में रखकर ही किया. भले ही उससे समाज के दूसरे हिस्सों का भी भला हो गया.

दूसरा वह अफ़ग़ान थे और मध्यपूर्व के दूसरे देशों की हम्माम की संस्कृति का उन पर कोई असर नहीं था.

लेकिन इस समय हाइवे के किनारे अगर आपको हम्माम मिल जाए तो?

हाइवे हिंदुस्तान की टीम को बंगलौर से चित्रदुर्ग जाते हुए एक ढाबे के सामने मिला एक हम्माम - संगीता हाइवे हम्माम.

उत्सुकता से वहाँ जाने लगा तो सामने तीन-चार किन्नरों को देखकर डर सा लगा. बगल में एक दुकानदार से पूछा तो उसने आश्वस्त किया.

रानी, पवित्रा और माधुरी नाम के तीन किन्नरों से वहाँ मुलाक़ात हुई.

उन्होंने बताया कि बंगलौर में ऐसे 140 हम्माम हैं. वे बताती हैं कि ट्रक वालों से लेकर सामान्य लोग इनका इस्तेमाल करते हैं.

वे इस बात से इनकार करती हैं कि वहाँ मसाज के अलावा कुछ और भी होता है. रानी कहती हैं कि वे बंगलौर जाकर भीख माँग लेती हैं लेकिन ऐसा-वैसा काम नहीं करतीं.

पुलिस को लेकर उनके मन में कोई डर नहीं दिखता इसलिए वे उनको घूस भी नहीं देतीं यानी उनके लिए मसाज की कोई सुविधा नहीं.

इस हम्माम को देखकर आश्चर्य भी हुआ. एक कमरे और टॉयलट वाले इस हम्माम की तुलना आप मध्यपूर्व के हम्माम से नहीं कर सकते और न रोमनों के बाथ से.

फिर भी यह एक मुकम्मल हम्माम है.

ज़हन में आता है कि हम भले ही उन्हें हम्माम न कहें लेकिन अब तो हर गली चौराहे पर हम्माम खुलने लगे हैं. स्पा, स्टीम और सौना बाथ के नाम से.

अब बिल्डर मकान बेचता है तो यह कहने से बच जाता है कि हम आपको हम्माम बनाकर देंगे. वह कहता है कि स्टीम और सौना बाथ होगा.

होटलों में ग्राहकों के लिए मसाज और स्पा विशेष आकर्षण होता है.

हम्माम बोलने में सकोच होता होगा कि वहाँ तो हर कोई नंगा होता है.

और नंगा होने का सच सार्वजनिक रुप से ज़ाहिर तो नहीं किया जा सकता ना?

शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

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Dear Frainds
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ON
April,11,2010
11.00 am
at
Mr.Jagadish Yadav
Sect-6/109,VAISHALI,
Ghaziabad
Mob:9811849160